सौराष्ट्र में बढ़ रही सहजन (ड्रमस्टिक ट्री) की खेती


सहजन (ड्रमस्टिक ट्री) को समझने में कई बीमारियों को पीछे हटाने की छिपी शक्ति है। इसका सींग ठीक है, लेकिन कार्डबोर्ड से कार्डियो तक इसका मूल काम करता है। अगर आप सहजन (ड्रमस्टिक ट्री) की बात करें तो ऐसा होने में 4 घंटे का समय नहीं लगता है।

इस वर्ष भारी बारिश के कारण, सहजन (ड्रमस्टिक ट्री) अर्जित करने वाले किसानों की आय में वृद्धि हुई है। किसानों का कहना है कि सहजन (ड्रमस्टिक ट्री) में फूल की कमी के कारण उत्पादन में गिरावट आई है। कई किसानों ने रमेश भोरनिया का लेख में सहजन (ड्रमस्टिक ट्री) की खेती के बारे में जानकारी पढ़कर जवाब दिया है।


Growing drumstick tree Cultivation in Saurashtra

जामदार गाँव के हरेशभाई गजेरा जैसे किसानों ने मानसून के आखिरी समय में 23 बीघा ज़मीन में सहजन (ड्रमस्टिक ट्री) लगाया है, यह कहते हुए कि पिछले दो महीनों के दौरान स्थानीय कालवाड़ में कीमतें 40 से 80 रुपये तक बढ़ गई हैं।

मोरबी के टंकारा तालुका के लजाई गाँव के जयेशभाई बरसारा जैसे किसानों ने अनुमानित पच्चीस बीघा भूमि में दो या तीन दिन पहले ही सहजन (ड्रमस्टिक ट्री) के बीज बोए हैं।

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