Corona Outbreak: किसानो के लिए सरकार का बड़ा फैसला, फसली ऋण की पुनर्भुगतान अवधि 31 मई 2020 तक बढ़ाई

Corona Outbreak: Government's big decision for farmers, repayment of crop loan extended till 31 May 2020

केंद्र सरकार ने किसानों द्वारा बैंकों से लिए गए सभी देय अल्पकालिक फसली ऋण जो 1 मार्च 2020 और 31 मई 2020 के बीच देय हैं या देय होंगे, के लिए पुनर्भुगतान की अवधि 31 मई 2020 तक बढ़ाने का निर्णय लिया है।

अब किसान 31 मई 2020 तक अपने फसल ऋण को बिना किसी दंडात्मक ब्याज के केवल 4 प्रतिशत प्रतिवर्ष ब्याज दर पर भुगतान कर सकते हैं। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने इस निर्णय के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण का आभार माना है।


 किसान बिना दंडात्मक ब्याज के मात्र 4 प्रतिशत ब्याज दर पर कर सकेंगे भुगतान।

भारत सरकार बैंकों के माध्यम से किसानों को रियायती फसल ऋण पर बैंकों को 2 प्रतिशत प्रतिवर्ष ब्याज माफी और किसानों को समय पर पुनर्भुगतान पर 3 प्रतिशत अतिरिक्त लाभ प्रदान कर रही है, इस प्रकार समय पर पुनर्भुगतान पर 3 लाख रूपए तक का ऋण 4  प्रतिशत प्रतिवर्ष ब्याज पर सरकार किसानों को उपलब्ध करा रही है।

COVID-19 महामारी के कारण लॉकडाउन के मद्देनजर देशभर में लोगों की आवाजाही पर प्रतिबंध लगाया गया है। ऐसे में कई किसान अपने अल्पकालिक फसली ऋण के बकाया भुगतान के लिए बैंक शाखाओं तक जाने में सक्षम नहीं हैं।

इसके अलावा, आवाजाही पर प्रतिबंध के चलते कृषि उत्पादों की समय पर बिक्री और उनके भुगतान की प्राप्ति में कठिनाई के कारण किसानों को इस अवधि के दौरान अल्पकालिक फसली ऋणों के पुनर्भुगतान में कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है।

अल्पकालिक फसली ऋण की पुनर्भुगतान अवधि 31 मई 2020 तक बढ़ाई। 

किसानों को हो रही इस समस्या का समाधान करने के लिए भारत सरकार ने बैंकों को 2 प्रतिशत ब्याज माफी और सभी किसानों को 3 प्रतिशत तत्काल भुगतान प्रोत्साहन का लाभ 31 मई 2020 तक देने का फैसला किया है, जो बैंकों द्वारा दिए गए 3 लाख रूपए तक के सभी फसली ऋणों जो कि 1 मार्च 2020 और 31 मई 2020 के बीच देय हैं या देय होंगे, पर लागू होगा।


लघु अवधि के 3 लाख रूपए तक के फसली ऋणों पर ब्याज माफी और तत्काल भुगतान प्रोत्साहन का 31 मई 2020 तक विस्तार किसानों को ऐसे ऋणों को चुकाने में मदद करेगा, जो 31 मई 2020 की विस्तारित अवधि तक देय हैं। अब किसान बिना किसी अर्थदंड के मात्र 4  प्रतिशत प्रतिवर्ष ब्याज दर से उनके ऋण को 31 मई 2020 तक चुका सकते हैं।

इससे पहले केंद्र सरकार ने कोरोना वायरस से निपटने के लिए किए राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के दौरान खेती-किसानी और इससे संबंधित सेवाओं में जुटे लोगों को परेशानी नहीं हो, इस संबंध में इन्हें छूट प्रदान की है, जिससे फसलों की कटाई में भी बाधा नहीं आएगी।

कृषि उत्पादों की ख़रीद से संबंधित संस्थाओं व न्यूनतम समर्थन मूल्य से संबंधित कार्यों, कृषि उत्पाद बाजार कमेटी व राज्य सरकारों द्वारा संचालित मंडियों, उर्वरकों की दुकानों, किसानों व कृषि श्रमिकों द्वारा खेत में किए जाने वाले कार्यों, कृषि उपकरणों की उपलब्धता हेतु कस्टम हायरिंग केंद्रों (CHC) और उर्वरक, कीटनाशक व बीजों की निर्माण व पैकेजिंग इकाइयों, फसल कटाई व बुआई से संबंधित कृषि व बाग़वानी में काम आने वाले यंत्रों की अंतरराज्यीय आवाजाही को भी छूट मिली है।

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