सरकारी आंकड़े बताते हैं कि राज्य में पिछले सप्ताह के दौरान 144 प्रतिशत वर्षा हुई। राज्य के 142 तालुकाओं में 120 प्रतिशत से अधिक वर्षा होती है।
103 तालुका में बारिश से फ़सलों की गंभीर स्थिति के बावजूद सरकार हरे सूखे की घोषणा क्यों नहीं कर रही है? जब किसी भी सरकारी अधिकारी से यह सवाल पूछा जाता है, तो वे अपना सिर हिलाना शुरू कर देते हैं।
जैसा कि सूखा होता है, सरकार से इनपुट सहायता के हकदार बनने के साथ-साथ किसान फसल बीमा प्राप्त कर सकते हैं।
भाषण की वीडियो क्लिप पिछले दो चार दिनों से सोशल मीडिया पर चल रही है जब नए प्रधान मंत्री फसल बीमा योजना शुरू की गई थी।
वो साल 2016 है। आज प्रधानमंत्री को फसल बीमा योजना का कैसेट याद नहीं होगा, किसान यह सवाल उठा रहे हैं कि सरकार 2 हेक्टेयर की सीमा में इनपुट सहायता क्यों देती है दो हेक्टेयर से बड़ा किसान कहाँ जाता है? किसानों ने अपनी फसल का बीमा कराने के लिए प्रीमियम का भुगतान किया है।
भले ही सरकार निजी बीमा कंपनियों को अपना प्रीमियम देती है, लेकिन कंपनियों को किसानों को उनके अधिकारों का भुगतान करने के लिए मजबूर क्यों नहीं किया जाता है? इस तरह के तर्क के साथ, किसान कई सवाल उठा रहे हैं।
- रमेश भोरणीया (कोमोडिटी वर्ल्ड)