पिछले साल की तुलना में इस साल खरीफ मूंगफली का उत्पादन दोगुना होने की उम्मीद है। एक सामान्य अनुमान के अनुसार, अनुमान है कि 3 मिलियन टन मूंगफली पकी होगी। इसमें से 25% सरकार एक निश्चित दर पर 8 लाख टन मूंगफली खरीदेगी।
मूंगफली की इस साल की बम्पर पैदावार किसानों को प्रतिपूरक मूल्य नहीं मिलने के कारण हुई है। सरकार ने 125 पैसे प्रति एकड़ की दर से मूंगफली प्राप्त करने का लक्ष्य रखा है।
सरकार ने 1 अक्टूबर से पंजीकरण के लिए दरवाजे खुले रखने की घोषणा की है। अभी किसानों के सामने सबसे बड़ा सवाल यह है कि अगर आप पंजीकरण कराना चाहते हैं तो कहां जाएं? कुछ उत्तरदाताओं का कहना है कि वे उस जिले के विपणन यार्ड में पंजीकृत होंगे।
इस तरह का जवाब सुनने के लिए सौराष्ट्र की मुख्य हार्डॉप्ट हापा यार्ड, राजकोट बेदी यार्ड और जामनगर के गोंडल यार्ड कार्यालयों से संपर्क करने पर, यह पता चला है कि खरीद प्रक्रिया अभी तक नागरिक आपूर्ति निगम के माध्यम से वाया नाफेड के साथ शुरू नहीं हुई है, लेकिन किसान अभी भी मैदान में हैं। इसके अलावा यार्ड में विज्ञापन के बोर्ड नहीं लगाए गए थे। पंजीयन की समय सीमा नजदीक आने के साथ ही किसान जरूरी कागजात लेकर इधर-उधर भटक रहे हैं।
पंजीकरण की घंटी कहां से जारी होगी, यह कोई नहीं जानता। मार्केटिंग यार्ड के अलावा, यह काम ग्रामीण स्तर पर ई-ग्राम केंद्र के संचालक के माध्यम से भी पूरा किया जा सकता है।
- रमेश भोरणीया (कोमोडिटी वर्ल्ड)
मूंगफली की इस साल की बम्पर पैदावार किसानों को प्रतिपूरक मूल्य नहीं मिलने के कारण हुई है। सरकार ने 125 पैसे प्रति एकड़ की दर से मूंगफली प्राप्त करने का लक्ष्य रखा है।
सरकार ने 1 अक्टूबर से पंजीकरण के लिए दरवाजे खुले रखने की घोषणा की है। अभी किसानों के सामने सबसे बड़ा सवाल यह है कि अगर आप पंजीकरण कराना चाहते हैं तो कहां जाएं? कुछ उत्तरदाताओं का कहना है कि वे उस जिले के विपणन यार्ड में पंजीकृत होंगे।
इस तरह का जवाब सुनने के लिए सौराष्ट्र की मुख्य हार्डॉप्ट हापा यार्ड, राजकोट बेदी यार्ड और जामनगर के गोंडल यार्ड कार्यालयों से संपर्क करने पर, यह पता चला है कि खरीद प्रक्रिया अभी तक नागरिक आपूर्ति निगम के माध्यम से वाया नाफेड के साथ शुरू नहीं हुई है, लेकिन किसान अभी भी मैदान में हैं। इसके अलावा यार्ड में विज्ञापन के बोर्ड नहीं लगाए गए थे। पंजीयन की समय सीमा नजदीक आने के साथ ही किसान जरूरी कागजात लेकर इधर-उधर भटक रहे हैं।
पंजीकरण की घंटी कहां से जारी होगी, यह कोई नहीं जानता। मार्केटिंग यार्ड के अलावा, यह काम ग्रामीण स्तर पर ई-ग्राम केंद्र के संचालक के माध्यम से भी पूरा किया जा सकता है।
● किसानों को यहां बताई गई सामग्रियों को एकत्र करना है।
1) जमींदार की 7-12 और 8-ए की ताजा प्रतियां जो समर्थन में मूंगफली डालना चाहते हैं।
2) आधार कार्ड की एक प्रति
૩) बैंक के बैंक खाते के विवरण के लिए पहले पृष्ठ की एक प्रति जिसमें किसान का खाता है, उस बैंक का IFSC कोड है।
4) फसल रोपण पर तलाटी के हस्ताक्षर के साथ उदाहरण। इतनी अच्छी तरह से करने के बाद पंजीकरण के लिए इधर-उधर भटकना।
- रमेश भोरणीया (कोमोडिटी वर्ल्ड)