भावनगर के नदी बेसिन से निकलने वाली शितुनजी डैम की दो नहरों के बारे में बात करते हुए, तिमाना गाँव के भीकाभाई पंड्या का कहना है कि अबुकवाड़, नीसिया, रॉयल और तिनमना सहित गाँव बायें किनारे पर हैं। नहर के दाहिने किनारे पर सांगना और कामरोल जैसे गाँव को गन्ने की खेती कहा जाता है।
गन्ना उखड़ने लगा है। गर्मियों तक गन्ने की कटाई की जाती है। वर्तमान में 20 किलो गन्ना किसानों को 80 रुपये से लेकर 85 रुपये तक की कीमत मिलती है। गर्मियों में गन्ने की कीमत 100 रुपये से बढ़कर 110 रुपये हो सकती है। अभी बड़ी समस्या पानी की है। तलछट खो जाती हैं।
खेत में उगाए गए गन्ने के मामले में, यदि शितुरानजी का पानी है, तो अच्छे बीड की उपलब्धता के साथ-साथ उच्च कीमतों की संभावना है। अगर समय पर बांध में पानी उपलब्ध नहीं हुआ तो गन्ने की जगह जूस मवेशियों के रूप में बेचा जा सकता है।
इन गाँवों के किसान राज्य सरकार से यह कहते हुए कि वह गन्ने की फसल को बचा रहे हैं, के लिए शेत्रुंजी के पानी का भुगतान कर रहे हैं।
Source : Ramesh Bhoraniya