देश में खरीफ के रोपे गए अरहर की नई आवक बाजार में आने लगी है। देश में पर्यटक का आगमन महाराष्ट्र और कर्नाटक से होता है। गुजरात तुवर के आगमन में कुछ समय लगता है।
कर्नाटक के कलबुर्गी क्षेत्र में, अरहर के 100 से 150 बोरी ज्वार के प्रमुख उत्पादक रोजाना शुरू किए गए हैं। इस सीजन में दालों के दाम ऊंचे रहे हैं। अरहर की फसल को बारिश से परेशानी नहीं हुई है। इसलिए उत्पादकता बढ़ रही है। अरहर की कीमत भी 1000 रुपये से 1,100 रुपये प्रति व्यक्ति किसानों को दी गई है।
जो पिछले साल की तुलना में 10 से 15 प्रतिशत अधिक है। देश में कलियों का कुल उत्पादन 82.30 लाख टन होने का अनुमान है, जो 35.5 लाख टन होने का अनुमान है। अरहर का आगमन अब धीरे-धीरे बाजार में आना शुरू हो गया है। लेकिन अगर अरहर की मांग पूरी नहीं की जा सकती है, तो कीमतें अधिक रहेंगी।
क्वालिटी अरहर बाजार में आ रहे हैं क्योंकि बारिश अरहर की फसल का पक्षधर है। खरीफ सीजन में दालों के नुकसान के कारण अरहर के भाव अधिक खुले हैं। लेकिन क्या इस तरह की कीमत बरकरार रहेगी यह एक सवाल बना हुआ है। अरहर के विदेशी आयात पर भी सौदे हुए हैं। जो आने वाली कीमतों को दबा देगा।
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