इस वर्ष देश को चीनी उत्पादन में भारी गिरावट की उम्मीद है। कृषि मंत्रालय के अनुसार, 2019-20 में चीनी का उत्पादन 280 से 290 लाख टन होने की संभावना है।
वर्ष 2018-19 में यह 331 लाख टन था। जो पिछले साल की तुलना में 12.40 लाख टन कम है। नए चीनी सीजन की शुरुआत अक्टूबर में हुई है, लेकिन यूपी में अयोध्या मामले और महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के नतीजों से सेक्टर प्रभावित हुआ है।
महाराष्ट्र और कर्नाटक में, चीनी उत्पादन में इस सीजन में नाटकीय रूप से गिरावट आने की संभावना है। महाराष्ट्र में भारी बारिश के बाद भारी बारिश ने फसल को भारी नुकसान पहुंचाया है।
1 अक्टूबर से शुरू होने वाले नए पेराई सत्र में भले ही एक महीने देरी से गन्ने की पपड़ी दिखाई नहीं दी हो। कहीं-कहीं मिलें चलने लगी हैं।
गन्ना की कमी 15 नवंबर के बाद ही आएगी। देश में 534 चीनी मिलें हैं। केंद्र सरकार ने वर्ष 2019-20 के लिए FRP 275 प्रति क्विंटल को अंतिम रूप दिया है।
महाराष्ट्र, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में गन्ना मूल्य का भुगतान किसानों को एफआरपी के आधार पर किया जाता है। उत्तर प्रदेश, पंजाब और तमिलनाडु में, राज्य सरकार द्वारा निर्धारित गन्ना मूल्य किसानों को भुगतान किया जाता है।
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