इस मांग को लेकर आज किसानों का डिजिटल आंदोलन तेज

कोरोना महामारी के बीच में, किसानों ने अब राज्य सरकार के खिलाफ बिगुल फूंक दिया है। फसल बीमा के अलावा, किसानों ने कर्जमाफी को लेकर सरकार के खिलाफ लड़ाई का ऐलान किया है।

सोशल मीडिया के माध्यम से, राज्य में किसान आंदोलन करेंगे और सरकार तक अपनी बात पहुंचाने की कोशिश करेंगे। किसान खेत पर रहेंगे और विरोध प्रदर्शन के लिए एक दिन का उपवास करेंगे। इतना ही नहीं किसान नेता डिजिटल रैलियों को भी संबोधित करेंगे।

Farmers digital protest today with their demands

गुजरात में किसानों ने एक ऐसे समय में सरकार के खिलाफ लड़ाई की घोषणा की है जब कोरोना महामारी भड़की हुई है। किसानों ने एक अनोखे तरीके से आंदोलन करने का फैसला किया है ताकि अधिक लोग तालाबंदी के लिए इकट्ठा न हों। किसान नायक पाल अम्बालिया का कहना है कि वर्तमान में किसान सूखे का सामना कर रहे हैं।


फसल को सस्ती कीमत नहीं मिलती है। खाद, पानी, बिजली का मुद्दा परेशान कर रहा है। अगर हम किसानों के मुद्दे पर बात करते हैं, तो सरकार झूठे पुलिस मामले बनाकर उनका उत्पीड़न कर रही है। किसानों की मुख्य मांग यह है कि किसानों का कर्ज माफ किया जाए और किसानों को 100 फीसदी फसल बीमा दिया जाए। इस मांग को लेकर राज्य भर के किसान रविवार को डिजिटल आंदोलन करेंगे।

डिजिटल आंदोलन के माध्यम से, किसान व्हाट्सएप, फेसबुक, इंस्टाग्राम, ट्विटर और अन्य सामाजिक साइटों पर अपनी मांगों के संबंध में एक वीडियो बनाएंगे और अपलोड करेंगे। इसके अलावा, गुजरात के किसान नेता फेसबुक पर डिजिटल सभा को संबोधित करेंगे।

रविवार को निर्धारित समय पर, 20 से अधिक किसान नेता फेसबुक के माध्यम से किसानों को संबोधित करेंगे और किसानों की समस्या पर चर्चा करेंगे। इस डिजिटल आंदोलन के जरिए किसानों की आवाज उठाई जाएगी। किसान नेताओं ने दावा किया है कि डिजिटल आंदोलन को राज्य भर के किसानों ने समर्थन दिया है।


गुजरात में पहली बार, किसानों ने सोशल मीडिया के हथियार का इस्तेमाल राज्य सरकार के खिलाफ लड़ने और डिजिटल आंदोलन का सहारा लिया।

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