केंद्र सरकार के सभी प्रयासों के बावजूद, यह संभावना है कि वर्तमान वित्तीय वर्ष में, प्रधानमंत्री किसान योजना की कुल राशि का 20 प्रतिशत बचाया जाएगा। गौरतलब है कि चालू वित्त वर्ष में केंद्र सरकार ने 75,000 करोड़ रुपये का बजट रखा था।
20 प्रतिशत तक की बचने की संभवत
उपलब्ध जानकारी के अनुसार, वित्तीय वर्ष के अंत तक इस योजना की लागत 60000 करोड़ रुपये तक हो सकती है। इसी समय, 15,000 करोड़ रुपये, जिसका अर्थ है कि कुल बजट का 20%, अप्रभावित रह सकता है। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री किसान निधि योजना के आधार पर, केंद्र सरकार ने चालू वित्त वर्ष 2019-20 में 75,000 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया है। इसमें से 50,000 करोड़ रुपये अब तक खर्च नहीं किए गए हैं।
कितने किसानों ने पंजीकरण कराया है
सरकार ने अनुमान लगाया कि इस योजना से देश के लगभग 14.5 मिलियन किसान लाभान्वित होंगे। लेकिन अब तक केवल 9.5 करोड़ किसानों ने योजना में पंजीकरण कराया है। योजना से लगभग 8.6 करोड़ किसान लाभान्वित हुए हैं। किसानों के ऑनलाइन पंजीकरण के लिए किसान सम्मान निधि पोर्टल के लॉन्च होने के बाद से इसमें वृद्धि हुई है। 17 जनवरी, 2020 तक, 9,46,06, 054 किसानों ने पंजीकरण कराया है।
योजना को पश्चिम बंगाल में लागू नहीं किया गया है
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अभी तक पीएम किसान योजना को मंजूरी नहीं दी है। इसके कारण, पश्चिम बंगाल में 68 लाख किसान इस योजना के लाभ से वंचित हैं। अन्य राज्यों की सरकारों ने योजना की शुरुआत से ही इस योजना में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई है। इसके कारण, शुरुआत में उन राज्यों में कई किसान इस योजना के लाभ से वंचित रह गए।
यह लाभ दिसंबर 2018 से उपलब्ध है
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना पिछले साल फरवरी में शुरू की गई थी। 1 दिसंबर 2018 से किसान इस योजना से लाभान्वित हो रहे हैं। योजना की किस्त पिछले साल मार्च से सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में स्थानांतरित कर दी गई है। यह योजना प्रत्येक वर्ष 3 भागों में किसानों को 6000 रुपये प्रदान करती है।