गर्मियों की मूंग-ज्वार की अच्छी फसल

તસ્વીર રાજકોટ પાસેનાં એક ખેતરની છે અને ૩૦-૩૫ દિવસનાં મગ ખેતરમાં લહેરાય  રહ્યા છે.

गर्मियों में पानी की कमी के कारण, गर्मियों के मग वृक्षारोपण केवल कुछ खेतों में पाए जाते हैं। खासकर जब से नहर का पानी बंद हुआ है, केवल बोर का पानी रखने वालों ने इसे लगाया है।

प्रस्तुत चित्र राजकोट के पास एक खेत से है और 30-35 दिनों के मग खेत में घूम रहे हैं। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, ग्रीष्मकालीन बुवाई अब तक 54 प्रतिशत गिरकर 8970 हेक्टेयर रह गई है। किसानों ने पशुधन के लिए अच्छी मात्रा में सोरघम की खेती भी की है।

Source : Ramesh Bhoraniya

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